नवग्रह मंत्र सरल मंत्र हैं, किन्तु एक शक्तिशाली उपकरण हैं जो संबंधित ग्रहों के पाप प्रभाव को शांत करते हैं। नवग्रह मंत्रों के नियमित जप से सकारात्मक स्पंदन उत्पन्न होता है और संबंधित ग्रहों को अनुकूल परिणाम देने के लिए प्रभावित करता है।
मानव जीवन का प्रत्येक पक्ष नौ ग्रहों से प्रभावित होता है। ग्रहों की प्रतिकूल स्थिति हमारे जीवन में समस्याओं और विकासहीनता का कारण बनता है।
नवग्रह मंत्र का जप अपने संबंधित ग्रह स्वामी से संबंधित दिनों में करना है। उदाहरण के लिए, सूर्य मंत्र को रविवार के दिन, चंद्र या सोम मंत्र को सोमवार के दिन और इसी तरह अन्य मन्त्रों का जप उनसे सम्बंधित दिन में करना चाहिए।
नवग्रह मंत्रों के जप से उनके सकारात्मक प्रभाव में वृद्धि होती है और उनके हानिकारक परिणाम कम होते हैं।
ॐ ह्रीं ह्रौं सूर्याय नमः ||
ॐ ऐं क्लीं सोमाय नमः ||
ॐ हूं श्रीं भौमाय नमः ||
ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः ।।
ॐ ह्रीं क्लीं हूं बृहस्पतये नमः ।।
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नमः ||
ॐ ऐं ह्रीं राहवे नमः ||
ॐ ह्रीं ऐं केतवे नमः||
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